Tuesday, February 7, 2012

सलीब जैसी काया की है हर चिड़िया

सुजान अलयवान का जन्म १९७४ में बेरुत में हुआ था. वे एक लेबनानी पिता और इराकी माँ की संतान हैं. युद्ध की वजह से उनका बचपन और किशोरावस्था अंडालुसिया, पेरिस और काहिरा में बीता. काहिरा से ही जर्नलिज्म और मॉस कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. अब तक तेरह कविता-संग्रह प्रकाशित. पेंटिंग का भी शौक. 

 
तुम्हारे इंतज़ार में : सुजान अलयवान 
(अनुवाद : मनोज पटेल) 

अधिकतम नाउम्मीदी 
और न्यूनतम नाप की परछाईं के साथ 

मुझे भरोसा है बारिश पर 

गार्डीनिया के फूल की तरह हूँ मैं  
एक कुआं रोशन करता है मुझे 
बादल पर लिखी है मेरी ज़िंदगी रोशनाई से 

मुझसे पीछे हैं मेरे कदम 
मैं अपनी गलतियां हूँ 

रात एक मिसाल है खालिस बेकरारी की 
और सलीब जैसी काया की है हर चिड़िया   
                    :: :: :: 
Manoj Patel Blog 

2 comments:

  1. sunder! chhipa ker mat rakhiyr, inki kavitayen aur padhvaiye!

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  2. लाजवाब ... बेहद प्रभावी रचना ...

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